बौराहा
बौराये व्यक्ति का आत्मकथ्य
May 21, 2012
सत-असत का चक्कर!!
सृष्टि से पहले सत नहीं था, असत भी नहीं
अंतरिक्ष भी नहीं, आकाश भी नहीं था
छिपा था क्या कहाँ, किसने देखा था
उस पल तो अगम, अटल जल भी कहाँ था
(ऋग्वेद(10:129) से सृष्टि सृजन की यह श्रुती)
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